Laapataa Ladies Movie Review and Story: Must Watch

Manoj Verma
4 Min Read

Laapataa Ladies Movie Review: Kiran Rao की Laapataa Ladies ने शुक्रवार को बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत के बावजूद, ‘लापता लेडीज’ ने अपने रिलीज के दूसरे दिन में गति प्राप्त की। उद्योग ट्रैकर Sacnilk के अनुसार, फिल्म ने शनिवार को 1.6 करोड़ रुपये का वितरण किया, जिससे इसका कुल घरेलू संग्रह 2.35 करोड़ रुपये तक पहुँचा। पहले दिन के सिर्फ 75 लाख रुपये कमाए जाने के बावजूद, ‘लापता लेडीज‘ ने अपने दूसरे दिन में बॉक्स ऑफिस में धूम मचाई। जिओ स्टूडियोज के अनुसार, फिल्म ने दो दिनों में वैश्विक रूप से 3.85 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है।

Laapataa Ladies Star Cast and Story

Laapataa Ladies Movie Review

‘लापता लेडीज’ में नीतांशी गोएल, प्रतिभा रंता, और स्पर्श श्रीवास्तव जैसे प्रमुख कलाकारों के साथ, यह फिल्म एक रोमांचक कहानी को दर्शाती है।

एक नवविवाहित आदमी दीपक जिसकी शादी गाँव की लड़की फूल के साथ में होती है। गाँव में शादी हो जाने के बाद फूल की दादी की मन्नत की पूरा करने के लिए रुक जाता है और सारे बाराती लौट जाते है, फिर जब वह पत्नी को लेकर गाँव से अपने घर ट्रेन से लौट रहा होता है। ट्रेन में उस दिन लाल जोड़े में और भी कई दुल्हन ससुराल जा रही होती है। अपने गांव में ट्रेन से उतरते वक्त वह दूसरी दुल्हन को लेकर उतर जाता है. परन्तु जब वह घर जाता है और नयी बहु का स्वागत के समय पता चलता है कि दुल्हा दूसरी दुल्हन को लेकर घर आ गया है। तब वह अपनी दुल्हन की खोजबीन शुरु करता है।

उधर उसकी दुल्हन की जब आँख खुलती है तो वह अपने आप को दुसरे रेलवे स्टेशन पर पाती है। लेकिन उस स्टेशन पर एक चाय वाला उसकी मदद करता है। वह उसे स्टेशन मास्टर के पास ले जाता है। जब स्टेशन मास्टर उससे पति का नाम एवं गाँव का नाम पूछता है तो वह बता नहीं पाती है। जब स्टेशन मास्टर पुलिस के पास जाने की बात कहता है तो वह जाने से मना कर देती है। तब वह चायवाला अपने महिला दुकानदार के पास ले जाता है। वह उसे अपने घर लौट जाने को कहती है लेकिन वह मना कर देती है। और स्टेशन पर ही उस महिला दूकानदार के यहाँ काम करने लगती है।

उधर दुल्हा जिस दुल्हन को लेकर जाता है। वह दुल्हन भी घर का पता नहीं बताती है। फिर वह पुलिस के पास शिकायत करने जाता है। पुलिस उससे ससुराल का पता पुछती है तब पुलिस को बता नहीं पाती है। तभी थाने में उस दूसरी दुल्हन के पति के द्वारा जिस थाने में शिकायत की जाती है वहाँ से जानकारी हेतु थाने में फैक्स आता है।

थाने का थानेदार काफी लालची होता है वह हर काम के बदले कुछ रिश्वत लेता रहता है। उस थानेदार को लगता है कि वह दूसरी दुल्हन वही लड़की है जिसकी जानकारी के लिए फैक्स आता है।

उधर दूसरी दुल्हन (जया) दुल्हे की हालत देखकर कर दुल्हन की तस्वीर छपवाकर हर जगह लगवाती है। जिसके कारण उसकी पत्नी उसे मिल जाती है। लेकिन इधर जया की पहचान भी खुल जाती है। और थानेदार उसे पकर कर थाने ले आता है। और उसके पति को खबर कर देता है। लेकिन थाने में उसके पति उसके साथ मारपीट करता है। जिसके बाद वह थानेदार उसके पति से उसे बचाकर उसे पढ़ाई के लिए बाहर भेजवा देते है।

इधर दीपक की पत्नी फुल भी मिल जाती है। तो घूघंट के कारण जो समस्या होती है।इससे दो दुल्हन के खो जाने एवं मिलने के बीच के जीवन पर आधारित है।

Review and Reaction

बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत के बावजूद, ‘लापता लेडीज’ ने सकारात्मक समीक्षा प्राप्त की है।

Laapataa Ladies Movie Review

Indianexpress.com की शुभ्रा गुप्ता ने फिल्म को 3.5 स्टार दिए और लिखा, “यह फिल्म पूर्व के दिनों में गृह वालों की सोच को समझने की सीख सिखाती है, जब महिलाएं ‘ससुर’ और ‘जेठ’ के सामने पूरी तरह से ढक जाती थीं।”

समाजिक संदेश और प्रेरणा:

फिल्म ने समाज के विभिन्न मुद्दों पर सोचने के लिए दर्शकों को प्रेरित किया है, और उन्हें महिलाओं की सामाजिक स्थिति पर विचार करने के लिए मजबूर किया है।

Laapataa Ladies Movie Review

इसके साथ ही, यह एक शानदार मनोरंजन फिल्म भी है जो दर्शको को जबरदस्त मनोरंजन करेगा।

को रोचकता के साथ-साथ समाज के मुद्दों पर सोचने के लिए भी प्रेरित करती है।

‘लापता लेडीज’ ने दर्शकों को एक मनोहारी कहानी के माध्यम से सामाजिक संदेश और उत्साहित किया है। फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया है,

बल्कि वह दर्शकों को सोचने और सामाजिक विचारों को समझने के लिए भी प्रेरित किया है। इसका महत्वपूर्ण संदेश है कि सिनेमा केवल मनोरंजन का एक माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह एक उत्कृष्ट माध्यम है जो हमें समाज के अध्ययन में भी सहायक हो सकता है।

Conclusion

इस तरह की रचनाएँ हमें उन सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दिलाती हैं जो आज हमारे समाज में महत्वपूर्ण हैं। ‘लापता लेडीज’ एक उदाहरण है कि सिनेमा कैसे मनोरंजन के साथ-साथ समाज में बदलाव लाने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इस तरह की फिल्में हमें सोचने पर मजबूर करती हैं और हमारी सोसायटी के विभिन्न पहलुओं को समझने में हमारी सहायता करती हैं।

अतः, ‘लापता लेडीज’ के सफल प्रदर्शन के माध्यम से हमें सिनेमा की महत्वपूर्ण भूमिका का उपेक्ष नहीं करना चाहिए, और हमें इस तरह की फिल्मों का समर्थन करना चाहिए जो समाज में जागरूकता और परिवर्तन लाने की कोशिश करती हैं।

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Lapatta ladies Trailer Video

Is Laapataa Ladies worth watching?

Yes, Laapataa ladies, it is worth watching, Because you explore movies and know about some problems which is facing in the village.

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज वर्मा है,। मैं बिहार का रहने वाला हूँ। मैं एक Blogger, YouTuber, Digital Marketer, Content Writer हूँ। Blogging के माध्यम से मैं आवश्यक जानकारियाँ लोगों तक पहुँचा रहा हूँ। धन्यवाद !
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